Thursday, September 12, 2013

Kritagyataa [Gratitude]

भाग्य में संभवतः  लिखा था,
आप मिलेंगे जीवन के दुखद करवट पर 
नहीं तो मैं आज क्या यह व्यक्त कर सकती?
कि मेरा आपके प्रति आभारी होना वास्तव में
मेरे जीवन शक्ति के प्रस्फुटित होने का प्रमाण है ?

सींच सींच कर, कईयों के अधूरे स्वप्नों

की नींव फिर से ढाल कर
उनको आँखें खोल, साहस, आशा और
सुविधाजनक मोर्चा को अपने मित्र बनाने का
मौका आपने दिया है।

मेरी आँखें बन कर, मुझे नीरस के तट से

विजय के पथ पर खींच लाए आप।
कृतज्ञता कितनी सुखद भावना है 
यह सीखा है आप के कारण । 
पहले केवल अंधकार दीखता था 
अब सितारे भी नज़र आते हैं । 

P.S. This is for a person who is majorly responsible for transforming my life. and he has been no less than a teacher, a friend and father to me, and this is a token from my side to him. :)



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